महाविद्यालय में संगीत विभाग की स्थापना सन् 1999-2000 में हुई। अब स्नातक स्तर की सभी कक्षाएं सुचारू रूप से चल रही है।
स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम का प्रायोगिक भाग मुख्यतः ख्याल गायकी के उपर आधारित है। इसके साथ ही गायन की अन्य षैलियां, ध्रुपद, धमार, तराना, सरगम आदि का समावेष है।
सैद्धांतिक पाठ्यक्रम में संगीत के स्वरूप और इतिहास के साथ-साथ उसके वैज्ञानिक पक्ष को भी विषेप स्थान दिया गया है ताकि जिन छात्राओं की संगीत विपयक पृष्ठ भूमि नहीं है वे भी सरलता से विपय को भलिभांति समझ सकें।
विपय के शिक्षण-प्रशिक्षण हेतु परम्परागत आवश्यक उपकरण विभाग में उपलब्ध हैः-
विभाग में तानपुरा ;दो जोडी तबला एवं दो हारमोेनियम है। इन वादयों का कक्षाओं में नियमित उपयोग होता है, विभाग के पास आधुनिक इलेक्टोनिक उपकरण भी है जिनमें इलेक्ट्रॉनिक तालमाला एवं इलेक्ट्रॉनिक तानपुरा है। इनका उपयोग समय समय पर होता रहता है। विभाग के पास कुछ लोकवाद्य भी है। जिनमें ढोलक,मंजीरा, खंजरी,डफ आदि प्रमुख है।
विभाग के पास आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी हैं जिनमें ‘म्युजिक सिस्टम भी सम्मिलित हे।
महाविद्यालय की छात्राओं ने अंतरमहाविद्यालयीन जिला स्तरीय समूह गान, शास्त्रीय गायन प्रतियोगिताओं में महाविद्यालय का गौरव बढ़ाया है ।
विभाग की छात्राओं ने अखिल भारतीय कालिदास समारोह में संस्कृत श्लोक का सफल प्रस्तुतिकरण किया।
इसी श्लोक गायन प्रतियोगिता में हमारी छात्रा को ‘पवैया पुरस्कार’ प्राप्त हुआ ।
विभाग द्वारा हॉबी क्लासेस चलाई
समय समय पर अन्य गतिविधियों में भी मार्ग दर्शन किया
विभाग की स्थापना से लेकर अभीतक संगीत विपय की सभी परीक्षाओं के परिणाम शतप्रतिशत रहें हैं । विपय की छात्राओं ने अध्ययन के उपरांत तथा अध्ययनरत रहते हुये अनेक सफलताएँ अर्जित की है ।
Name | Designation | Qualification | Specialization |
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MS. ANITA ASSAIYA | Asst. Prof. Guest Faculty | M.A. Vocal | Vocal |